Desi Chicken (देसी मुर्गा )
250 Rs. KG
देसी मुर्गा
देसी मुर्गा एक प्रकार का मुर्गा होता है जो अक्सर भारत और पाकिस्तान में पाया जाता है। यह एक स्थानीय घरेलू मुर्गा होता है जो विभिन्न रंगों में पाया जाता है। इसके जीवनकाल की अधिकतर अवधि 5 से 6 साल होती है।
देसी मुर्गा का शरीर पुष्ट होता है और वह ज्यादातर अंडे देने वाला मुर्गा होता है। इसके अंडे का आकार और रंग मुख्य रूप से मुर्गे के जाति और उम्र पर निर्भर करता है।
देसी मुर्गे को आमतौर पर दलिया, सब्जियों और अन्य प्रकार के भोजनों में शामिल किया जाता है। इसका मांस भी बहुत स्वादिष्ट होता है और यह भोजन के लिए लोकप्रिय होता है।
देसी मुर्गा खाने से फायदे
देसी मुर्गे का सेवन अनेक फायदों के साथ आता है। इसके कुछ महत्वपूरप्रोटीन का स्रोत: देसी मुर्गे का मांस एक उत्कृष्ट प्रोटीन का स्रोत होता है। इसमें पाए जाने वाले प्रोटीन शरीर के ऊर्जा स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं और मांसपेशियों को निर्माण करने में मदद करते हैं।
विटामिन ए और डी का स्रोत: देसी मुर्गे में विटामिन ए और डी की अधिक मात्रा होती है, जो बालों और त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
स्वस्थ बोन्स: देसी मुर्गे में पाए जाने वाले प्रोटीन, कैल्शियम और फॉस्फोरस आपके हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
मोटापा कम करने में मददगार: देसी मुर्गे का मांस एक कम वसा वाला विकल्प होता है, जो मोटापा को कम करने में मदद करता है।
प्रोटीन स्रोत: देसी मुर्गे में प्रोटीन की अधिक मात्रा होती है जो हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होती है। इससे हमारे मांसपेशियों का विकास होता है और शरीर के अन्य भागों की गतिविधियों के लिए एक अच्छा स्रोत प्रदान करता है।
नियंत्रण रखें रक्तचाप: देसी मुर्गे में पोटेशियम की अधिक मात्रा होती है जो रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
अनेक आवश्यक खनिज: देसी मुर्गे में विभिन्न आवश्यक खनिज जैसे फॉस्फोरस, सोडियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम की अधिक मात्रा होती है जो हमारे शरीर के लिए जरूरी होते हैं।
देसी मुर्गा कब और कितना खाना चाहिये
देसी मुर्गे का सेवन दिन में एक या दो बार कर सकते हैं। आपके आहार की आवश्यकताओं और शारीरिक गतिविधियों के आधार पर आप दिन में खाने की मात्रा तय कर सकते हैं।
अधिकतर लोग देसी मुर्गे को नाश्ते में खाते हैं। देसी मुर्गे के अंडे और मांस को भी आप अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं। देसी मुर्गे का सेवन मांस वाले अन्य जानवरों की तुलना में अधिक सलाह दी जाती है क्योंकि यह ग्रामीण क्षेत्रों में पाला जाता है जहां विभिन्न अधिक और संतुलित पोषक तत्वों से भरपूर घासों सेआहार मिलता है।
हालांकि, आपको अपने डाक्टर की सलाह भी लेनी चाहिए, विशेष रूप से अगर आपके शरीर में किसी तरह की अल्सर, गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल समस्याएं या डायबिटीज हैं।